भारत बनाम इंग्लैंड पांचवें और आखिरी टेस्ट(Fifth Test) मैच के फाइनल दिन का लाइव स्कोर कुछ ऐसा रहा:
मोहम्मद सिराज ने अपने करियर की सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए 9 विकेट लेकर 190 रन दिए और भारत को ओवल (Fifth Test) में खेले गए मुकाबले में 6 रन से शानदार जीत दिलाई। सिराज के अलावा प्रसिद्ध कृष्णा ने भी 4 अहम विकेट लेकर टीम को जीत में मदद की। इस जीत के साथ भारत ने पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से बराबर कर ली।
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Toggleटॉस की भूमिका: भारत अपने Fifth Test में भी हारा टॉस
क्रिकेट प्रेमियों के लिए आज का दिन अविस्मरणीय बन गया, जब भारत ने इंग्लैंड को एक जबरदस्त मुकाबले में महज़ 6 रन से हराकर न सिर्फ मैच जीता, बल्कि पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ को 2-2 की बराबरी पर पहुंचा दिया।
यह मुकाबला क्रिकेट इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया, जहाँ रोमांच, धैर्य, रणनीति और जुनून का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस टेस्ट ने दर्शकों को आखिरी क्षण तक अपनी सीटों से बाँधे रखा और हर ओवर के साथ मैच की दिशा बदलती रही।
मैच की शुरुआत में इंग्लैंड के कप्तान ओली पोप ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला लिया। भारत की पहली पारी अच्छी नहीं रही और पूरी टीम सिर्फ 224 रन पर सिमट गई। इसके जवाब में इंग्लैंड ने पहली पारी में 247 रन बनाए और 23 रन की बढ़त हासिल कर ली।
लेकिन दूसरी पारी में भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल ने शानदार शतक लगाया। उनकी शानदार बल्लेबाज़ी की बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 396 रन बनाए और इंग्लैंड के सामने बड़ा लक्ष्य रख दिया।
आखिरी दिन इंग्लैंड की टीम इस लक्ष्य का पीछा करते हुए 367 रन पर ऑल आउट हो गई और भारत ने यह मुकाबला 6 रन से जीत लिया।
4 अगस्त 2025 को लंदन के केनिंगटन ओवल में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया पांचवां टेस्ट मैच क्रिकेट इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक के रूप में याद किया जाएगा। भारत ने इस मैच में इंग्लैंड को मात्र 6 रनों से हराकर सीरीज को 2-2 से बराबर किया।
यह जीत न केवल भारत की युवा टीम के जुझारूपन और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि क्रिकेट में आखिरी गेंद तक कुछ भी संभव है। इस लेख में हम इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच के हर पहलू को विस्तार से देखेंगे, जिसमें दोनों टीमों के प्रदर्शन, प्रमुख क्षण, और इस जीत के महत्व को समझेंगे।
मैच का परिदृश्य और पृष्ठभूमि: Fifth Test
भारत और इंग्लैंड के बीच यह पांच टेस्ट मैचों की सीरीज एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का हिस्सा थी, जो 2025-2027 आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी। सीरीज का यह अंतिम मैच दोनों टीमों के लिए निर्णायक था।
इंग्लैंड 2-1 की बढ़त के साथ इस मैच में उतरा था, जबकि भारत को सीरीज बराबर करने के लिए यह मैच जीतना जरूरी था। ओवल का मैदान, जो ऐतिहासिक रूप से चौथी पारी में रन चेज को मुश्किल माना जाता है, इस रोमांचक मुकाबले का गवाह बना।
भारत की कप्तानी इस सीरीज में युवा शुभमन गिल कर रहे थे, जिनके लिए यह पहला विदेशी दौरा था। दूसरी ओर, इंग्लैंड की कमान नियमित कप्तान बेन स्टोक्स के चोटिल होने के कारण ओली पोप के हाथों में थी।
दोनों टीमों में कई बदलाव देखने को मिले। भारत ने ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में ध्रुव जुरेल जैसे नए चेहरे को मौका दिया, जबकि इंग्लैंड ने भी क्रिस वोक्स और बेन स्टोक्स जैसे प्रमुख खिलाड़ियों की चोटों के कारण नए खिलाड़ियों पर भरोसा जताया।
पहला दिन: भारत की बल्लेबाजी और शुरुआती झटके
मैच के पहले दिन इंग्लैंड ने टॉस जीता और गेंदबाज़ी का फैसला किया। ओवल की पिच पर पहले दिन तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की संभावना थी। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही।
यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल की सलामी जोड़ी ने शुरुआती कुछ ओवरों में सतर्कता बरती, लेकिन जल्द ही इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। गस एटकिंसन और जोश टंग ने अपनी स्विंग और सीम मूवमेंट से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया।
जायसवाल ज्यादा देर तक इसका फायदा नहीं उठा सके और गस एटकिंसन की एक शानदार इनस्विंगर पर LBW हो गए। साई सुदर्शन, जो इस सीरीज में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, ने भी 38 रन बनाकर टंग की गेंद पर पवेलियन लौट गए।
शुभमन गिल और करुण नायर ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन नायर के अलावा कोई भी बल्लेबाज लंबी पारी नहीं खेल सका।
करुण नायर ने इस सीरीज में अपनी पहली अर्धशतकीय पारी खेली, जो 57 रनों की थी। उनकी इस पारी में कुछ शानदार कवर ड्राइव और फाइन लेग पर ग्लांस शॉट्स शामिल थे।
हालांकि, रविंद्र जडेजा और अन्य मध्यक्रम के बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए, जिसके कारण भारत की पहली पारी 69.4 ओवरों में 224 रनों पर सिमट गई। गस एटकिंसन ने 5 विकेट लिए, जबकि जोश टंग ने भी 3 विकेट चटकाए।
भारत के लिए यह स्कोर निराशाजनक था, लेकिन उनकी गेंदबाजी इकाई को इस स्कोर का बचाव करने की चुनौती थी।
इंग्लैंड की पहली पारी: शुरुआती बढ़त
इंग्लैंड की बल्लेबाजी की शुरुआत जैक क्रॉली और बेन डकेट की सलामी जोड़ी ने की। Fifth Test में दोनों ने ‘बाजबॉल‘ शैली में आक्रामक बल्लेबाजी की और पहले 12.5 ओवरों में 92 रनों की साझेदारी की।
मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने शुरुआती ओवरों में कुछ अच्छी गेंदें फेंकी, लेकिन क्रॉली और डकेट ने बिना किसी डर के शॉट्स खेले। हालांकि, प्रसिद्ध कृष्णा ने दिन के अंतिम क्षणों में क्रॉली को एक शानदार यॉर्कर पर बोल्ड कर भारत को पहली सफलता दिलाई।
दूसरे दिन इंग्लैंड की पारी को मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने और नुकसान पहुंचाया। सिराज ने अपनी रफ्तार और स्विंग से इंग्लैंड के मध्यक्रम को हिलाकर रख दिया। हैरी ब्रूक ने 53 रनों की तेज पारी खेली, लेकिन सिराज और कृष्णा ने मिलकर इंग्लैंड को 51.2 ओवरों में 247 रनों पर समेट दिया।
सिराज ने 4 विकेट लिए, जबकि कृष्णा ने भी 4 विकेट हासिल किए। इंग्लैंड को पहली पारी में 23 रनों की मामूली बढ़त मिली, लेकिन भारत के गेंदबाजों ने दिखा दिया कि वे इस स्कोर का बचाव कर सकते हैं।
भारत की दूसरी पारी: जायसवाल और गिल की जिम्मेदारी
भारत की Fifth Test की दूसरी पारी की शुरुआत भी चुनौतीपूर्ण रही। यशस्वी जायसवाल ने एक बार फिर आक्रामक शुरुआत की और 118 रनों की तेज शतकीय पारी खेली, जिसमें कई शानदार कवर ड्राइव और लॉफ्टेड शॉट्स शामिल थे।
आकाशदीप ने भी 66 रनों का योगदान दिया। रविंद्र जडेजा और ध्रुव जुरेल ने मध्यक्रम में उपयोगी योगदान दिया, जिसके कारण भारत ने 88 ओवरों में 396 रन बनाए।
जायसवाल की 118 रनों की शानदार पारी इस पारी का मुख्य आकर्षण रही। उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को बखूबी संभाला और अपनी तकनीक का शानदार प्रदर्शन किया। जोश टंग ने दूसरी पारी में भी 5 विकेट लिए, लेकिन भारत ने इंग्लैंड को 374 रनों का विशाल लक्ष्य दिया।
यह लक्ष्य ओवल के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा रन चेज होता, अगर इंग्लैंड इसे हासिल कर लेता।
इंग्लैंड की दूसरी पारी: रोमांच का चरम
इंग्लैंड की Fifth Test दूसरी पारी की शुरुआत तीसरे दिन के अंत में हुई, जब सिराज ने क्रॉली को आउट किया। चौथे दिन का खेल पूरी तरह से इंग्लैंड के पक्ष में रहा। हैरी ब्रूक और जो रूट ने शानदार शतक जड़े। ब्रूक ने 98 गेंदों में 111 रन बनाए, जिसमें कई आक्रामक शॉट्स शामिल थे।
रूट ने अपनी 39वीं टेस्ट शतकीय पारी खेली और अपने मेंटर ग्राहम थोर्प को श्रद्धांजलि दी। दोनों ने मिलकर 195 रनों की साझेदारी की, जिसने इंग्लैंड को जीत के करीब ला दिया।
हालांकि, चौथे दिन के अंत में प्रसिद्ध कृष्णा ने रूट और जैकब बेथेल को लगातार नौ गेंदों में आउट कर भारत को वापसी का मौका दिया। बारिश और खराब रोशनी के कारण दिन का खेल जल्दी खत्म हो गया, जब इंग्लैंड को 35 रनों की जरूरत थी और उनके पास 4 विकेट शेष थे।
क्रिस वोक्स, जो कंधे की चोट से जूझ रहे थे, बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध थे, लेकिन उनकी स्थिति अनिश्चित थी।
पांचवां दिन: सिराज का जादू
पांचवें दिन का खेल क्रिकेट प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय रहा। सुबह के सत्र में बादल छाए हुए थे, और पिच पर हल्की नमी थी, जिसने भारतीय गेंदबाजों को मदद दी। मोहम्मद सिराज ने अपने पहले ही ओवर में जेमी स्मिथ को आउट कर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया।
स्मिथ ने 20 गेंदों में केवल 2 रन बनाए और सिराज की एक आउटस्विंगर पर ध्रुव जुरेल को कैच थमा बैठे। इसके बाद सिराज ने जेमी ओवरटन को एलबीडब्ल्यू आउट किया, जो दिन की शुरुआत में दो चौके लगा चुके थे।
प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग को एक सटीक यॉर्कर पर बोल्ड किया, जिसने इंग्लैंड की उम्मीदों को और कम कर दिया। अब सारी नजरें गस एटकिंसन और क्रिस वोक्स पर थीं।
वोक्स, जिनका बायां हाथ स्लिंग में था, ने 41 साल पहले मैल्कम मार्शल की याद दिलाई, जब उन्होंने एक हाथ से बल्लेबाजी की थी। एटकिंसन ने कुछ आक्रामक शॉट्स खेले, लेकिन सिराज ने अपनी आखिरी गेंद पर एक परफेक्ट यॉर्कर फेंककर एटकिंसन का ऑफ स्टंप उखाड़ दिया।
इंग्लैंड 367 रनों पर ऑलआउट हो गया, और भारत ने 6 रनों से यह रोमांचक मुकाबला जीत लिया।
सिराज ने इस पारी में 5 विकेट लिए और पूरे मैच में 9 विकेट हासिल किए, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। उनकी इस शानदार गेंदबाजी ने न केवल भारत को जीत दिलाई, बल्कि यह भी साबित किया कि वह विश्व क्रिकेट में एक उभरता हुआ सितारा हैं।
प्रमुख प्रदर्शन और रिकॉर्ड्स
इस मैच में कई खिलाड़ियों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल ने दूसरी पारी में 118 रन बनाए, जो उनकी इस सीरीज की दूसरी शतकीय पारी थी। मोहम्मद सिराज ने गेंदबाजी में कमाल दिखाया और 23 विकेट लेकर सीरीज के शीर्ष गेंदबाजों में शामिल रहे।
इंग्लैंड की ओर से हैरी ब्रूक ने दूसरी पारी में 111 रन बनाए। जो रूट ने अपनी 39वीं टेस्ट शतक के साथ 537 रन बनाए। गस एटकिंसन ने पहली पारी में 5 विकेट लिए और जोश टंग ने दोनों पारियों में कुल 8 विकेट हासिल किए।
इस मैच ने कई रिकॉर्ड्स भी बनाए। भारत की यह टेस्ट क्रिकेट में रनों के मामले में सबसे करीबी जीत थी। शुभमन गिल ने विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सेंना देशों में किसी एशियाई बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा रन बनाए।
भारत की जीत का महत्व:
यह जीत भारत के लिए कई मायनों में खास थी। पहली बार कप्तानी कर रहे शुभमन गिल ने दिखाया कि वह दबाव में भी शांत रहकर सही फैसले ले सकते हैं। मोहम्मद सिराज ने अपनी गेंदबाजी से साबित किया कि वह जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भारतीय गेंदबाजी की कमान संभाल सकते हैं।
युवा खिलाड़ियों जैसे यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल ने अपने प्रदर्शन से भविष्य की उम्मीदें जगाईं।
यह जीत भारत के लिए मानसिक रूप से भी महत्वपूर्ण थी। सीरीज में 2-1 से पिछड़ने के बाद वापसी करना और ओवल जैसे मुश्किल मैदान पर जीत हासिल करना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा बयान था।
यह जीत न केवल सीरीज को बराबर करने में सफल रही, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत की स्थिति को भी मजबूत किया।
10 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
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भारत ने Fifth Test में इंग्लैंड को कितने रनों से हराया?
भारत ने इंग्लैंड को 6 रनों से हराया, जो टेस्ट क्रिकेट में उनकी सबसे करीबी जीत थी। -
मैच का मैन ऑफ द मैच कौन था?
मोहम्मद सिराज को उनकी शानदार 5 विकेट की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। -
Fifth Test में भारत की पहली पारी का स्कोर क्या था?
भारत ने पहली पारी में 69.4 ओवरों में 224 रन बनाए। -
इंग्लैंड को दूसरी पारी में कितने रनों का लक्ष्य मिला था?
इंग्लैंड को 374 रनों का लक्ष्य मिला था। -
किस भारतीय बल्लेबाज ने दूसरी पारी में शतक बनाया?
यशस्वी जायसवाल ने दूसरी पारी में 118 रन। -
इंग्लैंड की ओर से सबसे ज्यादा रन किसने बनाए?
हैरी ब्रूक ने दूसरी पारी में 111 रन बनाए। -
क्या यह भारत की सबसे करीबी टेस्ट जीत थी?
हां, 6 रनों की जीत भारत की टेस्ट क्रिकेट में सबसे करीबी जीत थी। -
क्या इस मैच में कोई रिकॉर्ड टूटा?
हां, शुभमन गिल ने सेंना देशों में किसी एशियाई बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा रन बनाने का विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा। -
क्रिस वोक्स ने चोट के बावजूद बल्लेबाजी क्यों की?
क्रिस वोक्स ने अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए कंधे की चोट के बावजूद बल्लेबाजी की, जो उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। -
इस जीत ने भारत की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप स्थिति को कैसे प्रभावित किया?
इस जीत ने भारत को 4 अंक दिलाए और उनकी स्थिति को मजबूत किया।
निष्कर्ष
भारत बनाम इंग्लैंड का पांचवां टेस्ट मैच क्रिकेट के रोमांच और अनिश्चितता का एक शानदार उदाहरण था। मोहम्मद सिराज की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने जिस तरह से आखिरी दिन दबाव में प्रदर्शन किया, वह प्रशंसा के काबिल है।
शुभमन गिल की कप्तानी और यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाजी ने दिखाया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है। दूसरी ओर, इंग्लैंड की टीम ने भी अपनी ‘बाजबॉल’ शैली में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन सिराज और कृष्णा की गेंदबाजी के सामने वे थोड़ा कम पड़ गए।
यह जीत न केवल एक टेस्ट मैच की जीत थी, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के जुझारूपन, एकजुटता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक थी। ओवल की इस जीत ने न केवल सीरीज को बराबर किया, बल्कि क्रिकेट प्रशंसकों को एक ऐसी कहानी दी, जो लंबे समय तक याद रखी जाएगी।
यह मैच टेस्ट क्रिकेट की खूबसूरती और इसके अप्रत्याशित स्वभाव को दर्शाता है, जहां हर गेंद एक नया मोड़ ला सकती है।